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दिनेश शर्मा को राज्य से राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित

पीएमबी । उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता दिनेश शर्मा को राज्य से राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया है. वह 15 सितंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने वाले एकमात्र उम्मीदवार थे. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. राज्यसभा सदस्य हरद्वार दुबे के निधन की वजह से यह सीट खाली हुई थी और उपचुनाव आवश्यक हो गया था. हरद्वार दुबे बीजेपी से ही राज्यसभा सदस्य थे. इस सीट से निर्वाचित दिनेश शर्मा का कार्यकाल नवंबर 2026 तक होगा।राज्यसभा चुनाव के सहायक निर्वाचन अधिकारी अजीत शर्मा ने शुक्रवार को बताया, “दिनेश शर्मा को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया है.” उन्होंने बताया कि दिनेश शर्मा को छोड़कर किसी अन्य उम्मीदवार ने नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया है. निर्विरोध चुने जाने के बाद दिनेश शर्मा ने एक बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, यूपी पार्टी इकाई के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और पार्टी के केंद्रीय के साथ-साथ राज्य नेतृत्व के नेताओं का आभार व्यक्त किया है।
विपक्षी दलों पर दिनेश शर्मा ने बोला हमला
दिनेश शर्मा ने कहा कि वह पार्टी नेतृत्व की ओर से जताए गए भरोसे पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा कि अब केंद्र में 2024 में पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार सरकार बनाने में योगदान एकमात्र लक्ष्य होगा. पीएम के नेतृत्व में उभरते भारत को दुनिया के शीर्ष पर स्थापित कर देगा. उन्होंने पीएम मोदी और सीएम योगी सरकार की उपलब्धियों को बेमिसाल बताते हुए कहा कि गरीब कल्याण की योजनाएं गरीबों का शोषण करने वाले विपक्षी दलों को रास नहीं आ रही हैं. यह उनकी बौखलाहट का कारण है।
लखनऊ के मेयर भी रह चुके हैं दिनेश शर्मा
शर्मा 2017-22 के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के पहले कार्यकाल में दो उपमुख्यमंत्रियों में से एक थे. उनके पास माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग थे. लखनऊ विश्वविद्यालय में वाणिज्य विभाग में प्रोफेसर 59 साल दिनेश शर्मा लंबे समय से बीजेपी के सदस्य हैं. उन्‍हें 2014 में बीजेपी का राष्‍ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था. वह 2008 में पहली बार लखनऊ के मेयर निर्वाचित हुए हुए. वहीं 2012 में दोबारा लखनऊ के मेयर बने. शर्मा क निमंत्रण पर ही पीएम मोदी अक्टूबर 2016 में लखनऊ की रामलीला में शामिल हुए थे।
दिनेश शर्मा कैसे चुने गए निर्विरोध?
इससे पहले दिनेश शर्मा ने 5 सितंबर को नामांकन दाखिल किया था. उन्होंने सीएम योगी, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी की मौजूदगी में नामांकन दाखिल किया था. मतदान होने की स्थिति में आगामी 15 सितंबर को वोट डाले जाते. 403 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के 255 विधायक हैं, जबकि उसके सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल’ (निषाद) पार्टी के क्रमशः 13 विधायक और छह विधायक हैं। एनडीएम के नए सहयोगी ओमप्रकाश राजभर की अगुवाई वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधानसभा में छह विधायक हैं। दूसरी ओर राज्‍य के मुख्‍य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के पास 108 विधायक हैं जबकि उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल के पास नौ विधायक हैं. कांग्रेस और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के पास दो-दो विधायक हैं, वहीं बहुजन समाज के पास एक विधायक है. एक सीट घोसी 8 सितंबर तक खाली थी. ऐसे में दिनेश शर्मा का चुना जाना तय था।

अब विधान परिषद की एक सीट होगा उपचुनाव
दिनेश शर्मा के राज्यसभा जाने से यूपी में विधान परिषद की एक सीट पर भी जल्द उपचुनाव होगा. वो अभी विधान परिषद के सदस्य थे और उनका कार्यकाल जनवरी, 2027 तक थे. दिनेश शर्मा भले योगी आदित्यनाथ की पहली सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे थे. हालांकि, योगी 2.0 के मंत्रिमंडल में उनको जगह नहीं मिली थी.

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