पीएमबी कानपुर । नगर निगम में फर्जीवाड़ा का बड़ा मामला सामने आया है। यहां पर नगर स्वास्थ्य अधिकारी के फर्जी साइन बनाकर 3.68 लाख का भुगतान हो गया। मामले का खुलासा तब हुआ जब एक ठेकेदार ने महापौर के सामने भुगतान होने की बात कही। यह मामला सामने आने के बाद नगर निगम के स्वास्थ्य से लेकर वित्त विभाग में खलबली मच गई है।
इस प्रकार है मामला
महापौर ने मामले में जांच के निर्देश देते हुए दोषी कर्मचारी पर सख्त एक्शन लेने की बात कही है। उन्होंने पूरे मामले में जांच के आदेश दिए हैं। बताया जा रहा है कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत वर्ष-2019 में तत्कालीन नगर आयुक्त संतोष शर्मा के समय 77 घरेलू शौचालय बनाने के लिए ठेकेदार माजिदा शबनम को कार्य आवंटित हुआ था। इसमें चार हजार रुपए प्रति शौचालय के हिसाब से 77 शौचालय का निर्माण होना था। इन शौचालय का निर्माण वार्ड 53 सजारी में किया गया था। बताया जा रहा है कि उस समय इसका चार्ज नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजय संखवार के पास था जबकि वर्तमान में इसका चार्ज अपर नगर आयुक्त के पास है। इन्हीं शौचालय निर्माण के भुगतान को लेकर ठेकेदार लगातार दौड़भाग कर रहा था।
मंगलवार को खुला मामला
ठेकेदार ने मंगलवार को जब महापौर प्रमिला पांडेय से एक फाइल का भुगतान होने की बात कही, तो महापौर ने उस भुगतान वाली फाइल को तलब कर लिया। फाइल देखने पर पता चला कि नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजय कुमार के हस्ताक्षर के बाद भुगतान हो गया है, इस पर मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी को भी बुला लिया गया।
महापौर के सामने आपस में उलझ गए अधिकारी
मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी ने बताया कि उनका काम साइन देखकर पेमेंट करने का है, जबकि मौके पर आए नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने फाइल पर अपने हस्ताक्षर होने से इनकार किया। इस पर दोनों अधिकारी भी आपस में उलझ गए। वहीं नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने फाइल पर उनके द्वारा हस्ताक्षर न करने की बात कही गई। महापौर ने भी इस मामले को लेकर सभी अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर की।
3.68 लाख का हुआ फर्जी भुगतान
नगर स्वास्थ्य अधिकारी के फर्जी साइन कर 3.68 लाख का भुगतान हो जाने के मामले में महापौर ने जांच कराने की बात कही है। महापौर का कहना है कि इसी तरह न जाने अन्य कितनी फाइलों में फर्जी हस्ताक्षर हो सकते हैं और उनका भुगतान हो गया। ऐसे में जांच कराना काफी जरूरी हो गया है।
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