पीएमबी। लखनऊ के लोहिया पथ पर मंगलवार देर रात युवक को रौंदने की घटना में सीसीटीवी फुटेज से बड़ा खुलासा हुआ है। कार तेज रफ्तार के साथ स्टंटबाजी करते हुए दौड़ाई जा रही थी। 1090 चौराहे से ही कार लहराते हुए चल रही थी। उधर, पुलिस की लचर कार्रवाई से अब तक पता नहीं चल सका कि कार में कौन लोग सवार थे और इसे चला कौन रहा था? अयोध्या के मवई निवासी 28 साल के राजेंद्र यादव परिवार संग जियामऊ में रहते थे। मंगलवार रात एक से डेढ़ बजे के बीच वह आइस्क्रीम का ठेला लेकर घर जा रहे थे। कैंसर अस्पताल वाली मोड़ से करीब 50 मीटर पहले पीछे से आई तेज रफ्तार कार ने उन्हें टक्कर मार दी थी। राजेंद्र कार के आगे ठेले समेत फंस गए। इसके बाद कार डिवाइडर से टकरा गई। हादसे में राजेंद्र की मौत हो गई, जबकि चपेट में आने से ई रिक्शा चालक पंकज भी चोटिल हो गए थे। जियामऊ चौकी इंचार्ज सूर्यसेन सिंह ने बताया कि फुटेज में दिख रहा है कि कार 1090 चौराहे से ही लहराते हुए आ रही थी। रफ्तार भी काफी अधिक थी। इसी वजह से कार अनियंत्रित हुई और ठेला चालक चपेट में आया। हालांकि, पुलिस ने फुटेज सार्वजनिक नहीं किए हैं। डीसीपी सेंट्रल रवीना त्यागी का कहना है कि कार सवार लोगों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
कार्रवाई में देरी, कहीं बचाने का खेल तो नहीं
पता चल गया था कि मौके से बरामद कार बीकेटी के नवी कोट नंदना निवासी विक्रांत की है। हादसे के बाद वह लखीमपुर भाग गया। पुलिस का कहना है कि विक्रांत से बात हुई है। उसे बुलाया गया है। फोन पर उसने बताया कि कार उसका दोस्त मनीष मांगकर ले गया था। इसमें कितनी सच्चाई है यह उसके पकड़े जाने के बाद ही सामने आएगा। हालांकि, दो दिन बाद भी पुलिस कार मालिक से सिर्फ फोन पर बात ही कर सकी है। कार सवारों के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है। इससे लापरवाही का अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसा तो नहीं कि आरोपियों को बचाने का प्रयास हो रहा है। चौकी इंचार्ज ने बताया कि विक्रांत ने फोन पर बताया कि मनीष ने उसे बोला था कि उसकी बहन की तबीयत खराब है। उसे अस्पताल ले जाने के लिए कार चाहिए, इसलिए उसने कार दे दी थी। हालांकि, पुलिस को इस कहानी पर भरोसा नहीं है।
हादसे से पहले की थी पार्टी, पी थी शराब
कार सवार लोगों ने उस रात गोमतीनगर में पार्टी के दौरान शराब पी। इसके बाद रफ्तार में कार दौड़ाई। उसी दौरान हादसा हो गया। पुलिस को ऐसी कुछ जानकारियां मिली हैं, जिनकी तस्दीक की जा रही है। पता किया जा रहा है कि कार सवार कहां से आ रहे थे और कहां जा रहे थे।
हादसा एक जैसा, कार्रवाई दो तरह की
पिछले साल नवंबर में एएसपी के बेटे की जी-20 मार्ग पर हादसे में जान चली गई थी। घटना में पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया था। यह घटना भी उसी की तरह की ही है। कार की रफ्तार अधिक थी। आरोपियों के नशे में भी होने की आशंका है। टक्कर लगने के बाद भी कार नहीं रोकी, जिससे जान चली गई। तब भी पुलिस ने रैश ड्राइविंग, लापरवाही से किसी के जाने जाने व अन्य मामूली धाराओं में केस दर्ज किया है।
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